Language(s) : Hindi
सबसे बड़ा धन
बहुत समय पहले की बात है कि मुक्तसर आश्रम में कपिल मुनि रहते थे।
एक दिन उस मुनि के पास एक गरीब आदमी राहुल आया।
कपिल मुनि ने उससे आने का कारण पूछा तो वह कहने लगा,
"बाबा जी, कोई ऐसा उपाय बताओ कि मेरे पास भी बहुत धन हो जाए
अथवा कोई ऐसा मन्त्र ही सिखा दो जिससे मैं इतना धन कमा लूँ कि जीवन भर मुझे कमी न रहे और मैं आराम से बैठकर खा सकूँ।"
कपिल मुनि ने थोड़ी देर तक सोचा, फिर राहुल से पूछा,
"अच्छा, पहले यह बताओ क्या तुम्हारे पास बिल्कुल भी धन नहीं है?"
राहुल ने गिड़गिड़ाते हुए कहा,
"नहीं, महाराज, एक पैसा भी नहीं है।"
कपिल मुनि ने फिर पूछा,
"कोई मकान, कोई खेत, कुछ तो होगा?"
राहुल ने दुःखी होकर कहा, "कुछ भी नहीं है।"
कपिल मुनि बोले,
"अच्छा यदि तू अपनी दोनों आँखें मुझे दे दे, तो मैं तुम्हें एक लाख रुपये दूँगा।"
राहुल ने कुछ देर सोचा और बोला,
"फिर मैं देखूँगा कैसे? नहीं, आँखें तो मैं नहीं दे सकता।"
मुनि फिर बोले, "अच्छा तो दोनों हाथ दे दे।"
राहुल सोच में पड़ गया फिर बोला,
"फिर मैं काम कैसे करूँगा? हाथ देकर तो मैं कुछ भी नहीं कर सकूँगा। यह नहीं हो सकता।"
मुनि ने कहा, "अगर तू अपने दोनों पैर दे सके तो मैं तुझे दो लाख रुपये दे सकता हूँ।"
राहुल बहुत घबराया और कहने लगा, "पैरों के बिना तो मैं चल-फिर भी नहीं सकूँगा। न कहीं आ सकूँगा न कहीं जा सकूँगा इसलिए पैर तो मैं बिल्कुल नहीं दे सकता।"
कपिल मुनि को गुस्सा आ गया। वह बोले, "सोच लो, तुम्हें धन चाहिए और मैं तुम्हें धन देना चाहता हूँ। परन्तु जब तू कुछ देगा, तभी तो बदले में तुझे धन मिलेगा। यदि तू अपना मुख मुझे दे दे तो मैं तुझे दस लाख रुपये दे सकता हूँ।"
राहुल कपिल मुनि की बात सुनकर हैरान रह गया। वह बोला, "हे मुनिराज ! यदि मैं अपना मुख ही आपको दे दूँगा तो मैं कैसे खाऊँगा? कैसे पीऊँगा? खाये-पीये बिना जीवित कैसे रहूँगा। न किसी से बात कर सकूँगा। आप बतायें फिर धनवान बनने का लाभ ही क्या है?"
अब तो कपिल मुनि तंग आ गए। वह बोले "तुम देना तो कुछ भी नहीं चाहते। बिना कुछ दिए ही धन प्राप्त करना चाहते हो। क्या कभी ऐसा हो सकता है? मैं जो तुमसे लेना चाहता हूँ उसमें से तुम कुछ भी नहीं दे सकते। अच्छा, तुम ही बताओ कि तुम क्या दे सकते हो?"
राहुल ने बहुत सोचा, पर उसकी समझ में कुछ नहीं आया कि अपने शरीर का कौन- सा अंग देकर लाखों रुपये प्राप्त कर ले। वह कुछ नहीं बोला तो कपिल मुनि ने फिर पूछा, "क्या तुम केवल अपनी जीभ मुझे दे सकते हो?"
राहुल ने कहा, "नहीं, 'मुनिराज, कभी नहीं।"
कपिल मुनि मुस्करा पड़े और बोले, "अरे मूर्ख! तू तो कहता था कि तेरे पास एक पैसा भी नहीं है। भगवान ने तुझे एक-एक अंग लाखों रुपयों का दे रखा है। स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन है। इससे मेहनत कर और कमाकर खा । इससे ही तुम्हें जीवन-भर सुख मिलेगा।"
राहुल सब कुछ समझ गया और उसने मेहनत करनी शुरू कर दी। देखते ही देखते वह अमीर बन गया।